14 फरवरी का दिन था जो की मेरे लिए ख़ास होता है, वजह valentine day नहीं है, यह दिन मेरे लिए ख़ास है क्युकी इस दिन मैं और मेरी वाइफ पहली बार मिले थे! और इस साल इस दिन वो अपने घर गयी हुयी थी अपने भाई की शादी में! सो मैंने उस दिन बाइक उठाई और निकल पड़ा इस ख़ास दिन की ख़ास वजह से मिलने!
पहली बार बाइक पे जाना था तो रूट भी कुच्छ अलग चुना -
फरीदाबाद >> देल्ली >> गाजिआबाद >> मेरठ >> मवाना बाई-पास >> मीरापुर >> बिजनौर >> नजीबाबाद >> कोटद्वार
कोटद्वार >> नजीबाबाद >> चांदपुर >> गज्रौल्ला >> गढ़ मुक्तेश्वर >> पिलखुआ >> देल्ली >> फरीदाबाद
ऑफिस से हाफ डे लिया, और गाजिआबाद आधे घंटे में पहुच गया! मेरे पास CB Twister है, 110 CC, अच्छी pick-up, दो पहिये वाहन को ज्यादा तेज़ चलाना मैं पसंद नहीं करता, सो 80 की रफ़्तार काफी थी, ज्यादा ट्राफिक नहीं था सो देल्ली से डेढ़ घंटे में मैं मेरठ के बाई-पास पहुच गया! रास्ते में मोदीनगर के आस पास सड़क कही कही खराब मिली, बाकि तो ठीक ही थी! मवाना की तरफ जाने के लिए मेरठ शहर से न होते हुए मैंने हरिद्वार के लिए बाई-पास वाली रोड पकड़ी और तीसरे फ्लाई ओवर के निचे से सीधे हाथ को मेरठ केंट की ओर मुड गया, फिर मेरठ के गंगा नगर इलाके से होते हुए मवाना रोड पे पहुच गया! इस रस्ते से मुझे मेरठ बस अड्डे और बेघुम पुल जाने की जरुरत नहीं पड़ी जोकि भीड़ भाड़ वाला इलाका है, सो समय भी काफी बच गया! मवाना रोड पे पहुच कर मैंने पहला स्टॉप लिया और एक Thumbs-up पी!
5 मिनट से ज्यादा नहीं रुका होऊंगा, फिर बाइक उठाई और कुच्छ ही मिनटों में मवाना बाई-पास रोड पे था, फिर ध्यान आया एक फोटो लेने का, यहाँ से बिजनौर 48 किलो मीटर था!
मवाना बाई-पास ख़तम होने तक यह 41 km ही शेष बचा था!
बिजनौर जाते हुए रस्ते में मीरापुर पड़ता है! यहाँ कुच्छ होटल/ढाबे हैं, जहाँ खाने पिने के लिए बस्सें रूकती हैं! एक तीरह आता है, सीद्धे रोड मुज्ज़फर नगर को जाती है जो की 31 km है वहां से, और अगर दायें हाथ को मुड जाओ तो 26 km चलके बिजनौर आ जायेगा! मैं दायें मुड गया!
दायें मुड़ते ही एक होटल दीखता है नाम है Monti millions, यहाँ रुका एक फ़ोन करना था, होटल में बागीचा बड़ा सुन्दर लगा!
बिजनौर की तरफ चलते ही मौसम और हवा में फर्क महसूस होने लगा! गंगा जी के जो दर्शन होने वाले थे! बिजनौर में दाखिल होने से पहले गंगा जी का बैराज पुल पड़ता है! यहाँ से बिजनौर 11 km और नजीबाबाद 46 km रह जाता है! इस गंगा सेतु का नाम है चौधरी चरण सिंह मध्य गंगा बैराज! लगभग 2 मिनट यहाँ रुक कर गंगा जी को प्रणाम किया! फिर आगे बढ़ गया बिजनौर को!
बिजनौर में दाखिल होते ही लगा की पहुच गए! यहाँ काफी कुच्छ बदल गया है पहले से! अब तो एक srs multiplex भी खुल गया है यहाँ! नजीबाबाद के लिए srs के सामने से ही बायीं तरह मुड़ना पड़ता है! Valentine day था उस दिन पर इन शहरों में इस दिन का प्रभाव नहीं दिखता, न हाथो में हाथ डाले जोड़े और नाही फूलो से सजी दुकानें ही दिखी! वैसे में खुद इस दिन में विश्वास नहीं रखता, मेरे तो सब दिन मेरे अपनों के लिए हैं न की कोई एक निर्धारित दिन!
नजीबाबाद से पहले किरतपुर पड़ता है! नजीबाबाद में दाखिल होने से पहले दायीं तरह के छोटी सी नहर दिखती है, एक पेट्रोल पम्प भी है, यहाँ से कोटद्वार 27 km रह जाता है! इस नहर के साथ और पेट्रोल पुमप की बगल से एक सड़क गयी है, यह कोटद्वार के लिए बाई-पास है! मैं इसी पे हो लिया!
डेढ़ बजे दिल्ली से चला साढ़े पाँच बजे नजीबाबाद पंहुचा!. यहाँ मेरा ददिहाल भी है और मेरी ससुराल भी! मैं घर पंहुचा, थका नहीं था, पर नहाकर ताज़ा होने का मन किया! बाइक पे धुल मिटटी से नहीं बच पते हैं, पर कुच्छ भी कहो मजा पूरा आता है! मेरा इस तरह अचानक पहुचना बीवी के लिए अच्छा surprise था! फिर उस दिन की समाप्ति एक अच्छे से रेस्तरा में एक अच्छे से dinner के साथ की!
अगले दिन मेरे साले साब के साले साब आये हुए थे! बस हम तीनो ने प्रोग्राम बनाया कोटद्वार पिकनिक का! A Boyz day out. पिच्छली बार मैं जब आया था तो अपनी कार यहीं छोड़ गया था, जिसके आभाव में मुझे इस बार बाइक पे आना पड़ा था! मैंने अपनी कार ( ritz) उठाई और तीनो निकल पड़े कोटद्वार की ओर! कोटद्वार पहुचते ही हमने खाने के लिए सामन लिया और एक बड़ी कोल्ड्रिंक के साथ निकल पड़े पहाड़ो की तरफ!
कोटद्वार जाओ और सिध्बली और दुर्गा देवी मंदिर के दर्शन न करो तो क्या कोटद्वार गए! हमने भी पहले दुर्गा देवी मंदिर की और गाडी ले ली, और माता के दर्शन किये!
अगले भाग में आप पढ़ सकते हैं हमारें picnic के बारें में!